मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना: उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में बड़ा बदलाव करते हुए वार्षिक आय सीमा को ₹2 लाख से बढ़ाकर ₹3 लाख कर दिया है। इससे अब और अधिक गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को इस योजना का लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की बेटियों की शादी में सहायता देना और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना है। यह योजना विशेष रूप से अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और सामान्य वर्ग के गरीब परिवारों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के मुख्य लाभ
लाभ का प्रकार | विवरण |
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कुल सहायता राशि | ₹1,00,000 प्रति जोड़ा |
बैंक खाते में ट्रांसफर | ₹60,000 दुल्हन के खाते में |
गृह उपयोगी उपहार | ₹25,000 मूल्य के सामान |
विवाह समारोह खर्च | ₹15,000 आयोजन के लिए |
आय सीमा | अब ₹3,00,000 वार्षिक |
लाभार्थी वर्ग | SC/ST/OBC/अल्पसंख्यक/गरीब |
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना आवेदन प्रक्रिया
- लाभार्थी की पहचान: ग्राम पंचायत, नगर निकाय या समाज कल्याण विभाग के माध्यम से।
- दस्तावेज़: आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, बैंक पासबुक, पासपोर्ट साइज फोटो।
- ऑनलाइन/ऑफलाइन आवेदन: नजदीकी समाज कल्याण कार्यालय या आधिकारिक पोर्टल पर आवेदन करें।
- विवाह समारोह: सामूहिक विवाह का आयोजन जिला प्रशासन द्वारा कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की उपलब्धियाँ
- अब तक 4.7 लाख से अधिक विवाह कराए जा चुके हैं।
- 2.2 लाख दलित और 1.3 लाख पिछड़ा वर्ग की बेटियाँ लाभान्वित हुई हैं।
- 27 मई 2025 को गोरखपुर में 1200 जोड़ों ने विवाह किया।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना गरीब परिवारों के लिए एक मजबूत सहारा है। अब बढ़ी हुई आय सीमा और विस्तारित लाभों के साथ यह योजना और अधिक प्रभावी हो गई है। यदि आप इस योजना के पात्र हैं, तो जल्द से जल्द आवेदन करें और सरकार द्वारा दी जा रही इस सहायता का लाभ उठाएं।
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